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प्यारी माँ

ईश्वर कब जमीं पर आए, 

माँ को दिया स्थान।
अनुकृति उसकी भव में आई,
ममता का वरदान।।

कोई शब्द नहीं दुनिया में, 
माँ परिभाषा लेख।
खान कहाँ अनमोल रत्न की, 
ममता अंतर देख।।

परेशान गर मैं हो जाऊँ, 
माँ भी रहे उदास।
पढ़ लेती है मेरा मुखड़ा, 
बैठी रहती पास।।

अपने घर में देख दुआ है, 
मेरी माँ का रूप।
मेरी खुशियाँ पहले रखती, 
लग ना जाए धूप।।

जिसके पास न माँ होती है, 
कैसा वह संसार।
माँ ममता से वंचित रहता, 
वो क्या जाने सार।।

माँ के आँचल आशिष बसते,
रहे बला सब दूर।
ईश्वर ने मैया को भेजा,
इच्छा करने पूर।।

कोई माँ बोले या मैया, 
धूप है ठण्डी छाँव। 
तू है मेरी प्यारी मैया,
"श्री" जन्नत तले पाँव।।

स्वरचित- सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)

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3 Comments

hema mohril

23-May-2024 02:39 PM

Amazing

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Gunjan Kamal

22-May-2024 08:30 PM

👌🏻👏🏻

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Sarita Shrivastava "Shri"

20-May-2024 11:32 PM

👌👌

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